बेअदब
खुद से जब आँख मिलाता हूँ तो ग़ज़ल होती है दिल के हालात बताता हूँ तो ग़ज़ल होती है
शनिवार, 18 फ़रवरी 2012
इस
शहर
में
कुछ
खास
खास
लगता
है
शायद
कोई
आस
पास
रहता
है
कहने
को
मेरे
पास
बहुत
कम
था
एक
तेरा
गम
था
एक
मेरा
गम
था
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