सोमवार, 3 नवंबर 2014

ज़मीं चाही, आसमान लाए हो 
दीया माँगा, आफ़ताब लाए हो
मुझे टूटे सितारों की आदत हैं,
मेरे लिए क्यूँ माहताब लाए हो।