सोमवार, 26 मार्च 2012

तुम्ही से शुरू हुई तुम तक ही रही 
जिन्दगी मिरी मुख्तसर ही रही 


रुदादे ईश्क और क्या होता

एक तुम होते एक मैं होता

शनिवार, 3 मार्च 2012



पुरानी याद के मंजर ख्यालों से गुजरते हैं

तुम्हें हम क्या बताएं दिन मेरे कैसे गुजरते है