बेअदब
खुद से जब आँख मिलाता हूँ तो ग़ज़ल होती है दिल के हालात बताता हूँ तो ग़ज़ल होती है
बुधवार, 24 अप्रैल 2013
बागों में थे गुलाब अभी कल की बात है
उजड़ा है ये दयार अभी कल की बात है
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