बेअदब
खुद से जब आँख मिलाता हूँ तो ग़ज़ल होती है दिल के हालात बताता हूँ तो ग़ज़ल होती है
रविवार, 22 जून 2014
इश्क में हम हदों तक भी पहुँचे नहीं अब तक
जाने क्यों हद से गुजर जाने की बात करते हैं
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