बेअदब
खुद से जब आँख मिलाता हूँ तो ग़ज़ल होती है दिल के हालात बताता हूँ तो ग़ज़ल होती है
शुक्रवार, 22 अगस्त 2014
जाने कहाँ चले जाते होंगे वो पल जो कभी इतने पास होते हैं जैसे हम और हमारी साँस हो.
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